परवो वायरस (Parvovirus) क्या है?
परवो वायरस एक संक्रामक वायरस है जो मुख्य रूप से कुत्तों (Canine Parvovirus – CPV) और बिल्लियों (Feline Parvovirus – FPV) को प्रभावित करता है। यह विशेष रूप से पिल्लों और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले जानवरों के लिए खतरनाक होता है।
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परवो वायरस कैसे होता है?
परवो वायरस मुख्य रूप से संक्रमित जानवरों के मल, मूत्र, लार, या दूषित सतहों के संपर्क में आने से फैलता है। यह वायरस बहुत मजबूत होता है और मिट्टी, फर्श, खिलौनों और अन्य सतहों पर लंबे समय तक जीवित रह सकता है।
कुत्तों में यह वायरस पाचन तंत्र और सफेद रक्त कोशिकाओं को प्रभावित करता है, जिससे गंभीर डायरिया, उल्टी, कमजोरी और निर्जलीकरण (डिहाइड्रेशन) हो सकता है।
लक्षण:
तेज बुखार
भूख न लगना
खून मिश्रित या बदबूदार डायरिया
लगातार उल्टी
कमजोरी और सुस्ती
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परवो वायरस से बचाव कैसे करें?
1. टीकाकरण (Vaccination) – परवो वायरस से बचने का सबसे प्रभावी तरीका टीकाकरण है। पिल्लों को 6-8 हफ्ते की उम्र से परवो वायरस का टीका देना चाहिए और बूस्टर डोज़ समय पर लगवाना जरूरी है।
2. साफ-सफाई – अपने पालतू जानवर के आसपास की जगह को साफ रखें और मल-मूत्र को तुरंत साफ करें।
3. संक्रमित कुत्तों से दूरी – अगर कोई कुत्ता परवो वायरस से संक्रमित है, तो अपने पालतू जानवर को उससे दूर रखें।
4. डिसइन्फेक्टेंट का इस्तेमाल – ब्लीच (Bleach) जैसे मजबूत सैनिटाइज़र से फर्श, खिलौने और अन्य वस्तुओं को साफ करें।
5. स्वस्थ आहार और इम्यूनिटी बूस्ट – पालतू जानवर को पोषक आहार दें ताकि उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत बनी रहे।
पार्वो वायरस (Parvovirus) के इलाज के लिए कोई सीधा एंटीवायरल मेडिकेशन नहीं है, लेकिन कुछ दवाएं और चिकित्सा प्रक्रियाएं संक्रमित कुत्ते या पिल्ले को बचाने में मदद कर सकती हैं। इसका इलाज मुख्य रूप से समर्थक चिकित्सा (Supportive Treatment) पर निर्भर करता है, जो शरीर को वायरस से लड़ने में मदद करता है।
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पार्वो वायरस के इलाज में उपयोग की जाने वाली दवाएं और चिकित्सा:
1. तरल चिकित्सा (Fluid Therapy)
आईवी (IV) फ्लूइड्स: संक्रमण के कारण होने वाले डिहाइड्रेशन (निर्जलीकरण) को रोकने के लिए।
इलेक्ट्रोलाइट्स: शरीर में आवश्यक खनिजों की भरपाई के लिए।
2. एंटीबायोटिक्स (बैक्टीरियल संक्रमण को रोकने के लिए)
Metronidazole या Amoxicillin – आंतों में होने वाले बैक्टीरियल संक्रमण को रोकने के लिए दी जाती हैं।
3. एंटी-एमेटिक्स (उल्टी रोकने के लिए)
Ondansetron या Maropitant (Cerenia) – उल्टी को नियंत्रित करने और भूख बढ़ाने के लिए।
4. दर्द निवारक और पेट की सुरक्षा
Famotidine या Omeprazole – पेट की जलन और एसिडिटी को कम करने के लिए।
Buprenorphine – अत्यधिक दर्द होने पर दिया जाता है।
5. इम्यून बूस्टर और प्लाज्मा थेरेपी
इंटरफेरॉन – इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के लिए।
प्लाज्मा ट्रांसफ्यूजन – गंभीर मामलों में, संक्रमित कुत्तों को एंटीबॉडी युक्त प्लाज्मा दिया जाता है।
6. पोषण संबंधी देखभाल
पिल्लों को धीरे-धीरे नरम और सुपाच्य भोजन देना चाहिए, जैसे Prescription Recovery Diet (Hills a/d या Royal Canin Recovery)।
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कितने दिन तक इलाज चलता है?
आमतौर पर 5-7 दिन तक गहन चिकित्सा दी जाती है।
रिकवरी में 1-2 हफ्ते लग सकते हैं।
जल्दी इलाज मिलने से बचने की संभावना 80-90% तक बढ़ जाती है।
घर पर इलाज संभव है?
अगर लक्षण हल्के हैं, तो पशु चिकित्सक की सलाह से इलाज घर पर भी किया जा सकता है, लेकिन गंभीर मामलों में हॉस्पिटल में भर्ती कराना ही सबसे सुरक्षित उपाय है।
महत्वपूर्ण सुझाव:
✅ जल्दी इलाज कराएं – देरी से मौत का खतरा बढ़ जाता है।
✅ टीकाकरण कराएं – यह बीमारी रोकने का सबसे प्रभावी तरीका है।
✅ संक्रमित कुत्ते को अलग रखें – ताकि अन्य जानवरों को संक्रमण न हो।
✅ साफ-सफाई बनाए रखें – वायरस सतहों पर लंबे समय तक जीवित रह सकता है, इसलिए ब्लीच (Bleach) या मजबूत डिसइंफेक्टेंट से सफाई करें।